भाजपा ने एक बड़े संगठनात्मक फेरबदल में,केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने संसदीय बोर्ड से हटा दिया। संसदीय बोर्ड भारतीय जनता पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
बुधवार को संपन्न हुई इस मीटिंग की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जगह नहीं मिली, जिनको शामिल किए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पूर्व आईपीएस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा, पूर्व लोकसभा सांसद सत्यनारायण जटिया, भाजपा के राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव को पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह भी बोर्ड का हिस्सा हैं। फेरबदल में भाजपा द्वारा अपने संसदीय बोर्ड को सामाजिक और क्षेत्रीय रूप से अधिक प्रतिनिधि देने का एक प्रयास लग रहा है।
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, ओम माथुर और इसकी महिला शाखा की प्रमुख वनथी श्रीनिवासन को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और जुएल ओरांव को इससे बाहर कर दिया गया है। सभी संसदीय बोर्ड के सदस्य भी सीईसी का हिस्सा हैं।