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आकड़ों की बाजीगरी से दूर नहीं होगी बेरोजगारी और महंगाई : उमा शंकर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेरोजगारी और महंगाई से लगातार जूझ रहा है। 1989 से पहले उत्तर प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकारों द्वारा तमाम भारी उद्योग, लघु, मध्य एवं सूक्ष्म तथा कुटीर उद्योगों की स्थापना की गयी थी। उत्तरोत्तर गैर कांग्रेसी सरकारों द्वारा राजनीतिक कारणों से इन उद्योगों को संरक्षण नहीं दिया गया जिसके कारण यह धीरे-धीरे तबाह, बर्बाद होकर अन्ततः बंद हो गये। भारतीय जनता पार्टी ने काम करने के बजाय प्रदेश की जनता खासकर युवाओं को बड़े-बड़े सपने दिखाये, नये-नये नारे गढ़े और शब्दों के भ्रमजाल बनाकर युवाओं के भविष्य को अंधकारमय कर दिया।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि भाजपा आकड़ों की बाजीगरी से बेरोजगारी और महंगाई दूर करना चाहती है। पिछले लगभग छह सालों से योगी सरकार ने भाषण के अतिरिक्त धरातल पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का कार्य नहीं किया। भाजपा सरकार द्वारा तमाम सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से आकड़ों द्वारा उत्तर प्रदेश को बेरोजगारी और महंगाई से मुक्त करने का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लगातार सरकारी संस्थाओं के निजीकरण और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार से रोजगार समाप्त हो रहें हैं। यह प्रदेश के युवाओं के भविष्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। बेरोजगारी का दंश झेल रहे परिवार महंगाई की दोहरी मार से प्रताड़ित है। ऐसे में स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की ज्वलंत समस्या बेरोजगारी और महंगाई पर चर्चा न करना दु:खद है। मुख्यमंत्री को प्रदेश की बेरोजगारी और महंगाई पर लगभग छह वर्षों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने ईमानदारी से प्रस्तुत करना चाहिए था। प्रदेश में निवेश लाने एवं नये उद्योग धंधों की स्थापना के तमाम दावे हुए इसके लिए बड़े-बडे़ भ्रष्टाचारयुक्त कार्यक्रम भी किये गये किन्तु ये दावे हकीकत में नहीं बदल सके।

प्रदेश प्रवक्ता ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश का भविष्य युवाओं को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराकर ही संवारा जा सकता है। एमएसएमई एवं कुटीर उद्योग रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध कराते हैं किन्तु केन्द्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकारों के दोषपूर्ण औद्योगिक नीतियों के कारण हजारों छोटे और मझोले उद्योगों के साथ ही साथ पारंपरिक कुटीर उद्योग बंद हो गये। सरकार को अपनी नीतियों में सुधार कर एमएसएमई एवं कुटीर उद्योगों को उद्धार करना चाहिए। सिर्फ भाषण, शब्दों के भ्रमजाल एवं नित नये नारों से प्रदेश महंगाई और बेरोजगारी से मुक्ति नहीं पा सकता है।

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