बिहार के गया में एक मुस्लिम मंत्री के मंदिर में जाने पर विवाद बढ़ गया है। भाजपा नेताओं की आपत्ति के बाद बुधवार को मंदिर का शुद्धिकरण किया गया। शुद्धिकरण की इस प्रक्रिया को 21 आचार्यों द्वारा अंजाम दिया गया।
मामला गया के विष्णुपद मंदिर का है। यहां सोमवार को मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार अपने कुछ मंत्रियों के साथ दर्शन के लिए पहुंचे थे। इन मंत्रियों में एक मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी भी शामिल थे। मंसूरी की हिंदू मंदिर में मौजूदगी पर लोगों ने आपत्ति जताई और भाजपा ने इस मुद्दे को उछाल दिया।
भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर मंदिर का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “जब शासक नास्तिक और हिंदू विरोधी हो जाएगा तो बिहार में धर्म की रक्षा कैसे होगी? एक मुसलमान के साथ विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने वाले नीतीश कुमार ने जान-बूझ कर मंदिर की पवित्रता को भंग किया है और सनातन का अपमान किया है।”
वहीं बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, “इतिहास में पहली बार विष्णुपद मंदिर में जान-बूझ कर इसराइल मंसूरी को लेकर घुसते हैं। हिंदू समाज को अपमानित करने का काम सीएम को ख़ुद पसंद आता है।”
भाजपा नेताओं की इन आपत्तियों के बाद मंदिर प्रशासन को आखिरकार इस मामले में कार्रवाई करनी पड़ी। मंदिर प्रशासन ने 21 आचार्यों की मदद से मंदिर का शुद्धिकरण करा दिया।
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विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शम्भु नाथ बिट्ठल ने बताया कि मंदिर में गैर हिन्दू का आना वर्जित है। इसके बावजूद मंदिर में मुस्लिम समाज के मंत्री आए थे। जिसके बाद लोगों में मंदिर की अशुद्धि की भावना थी। जिसको देखते हुए मंदिर का शुद्धिकरण किया गया और मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की गई।इस दौरान शम्भू नाथ ने बिहार सरकार से मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग भी की।