राजनीतिक भवंडर के बीच झारखण्ड से बड़ी खबर सामने आ रही है की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द की गई। केन्द्रीय चुनाव आयोग ने राज्यपाल को इस बाबत पत्र भेजा है। आयोग ने सोरेन की तरफ़ से एक खान अपने नाम करवाने के मामले में यह सिफारिश की है। राज्यपाल रमेश बैस करीब दो बजे राँची पहुँचेंगे। तीन बजे तक राजपत्र में प्रकाशित हो जाएगा।
बीजेपी का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने खुद को पत्थर खनन लीज आवंटित किया था, बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a की बात कहते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता ख़त्म करने की मांग की थी, क्योंकि राज्य की कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार हेमंत के पास ही है।
आरटीआई के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। आरोप है कि हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा ली है.सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है।
माना जा रहा है कि सीएम पद सोरेन परिवार में ही रहेगा, वहीं बीजेपी ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि हेमंत विकल्प के तौर पर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम आगे बढ़ा सकते हैं।