प्रयागराज के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) में पिछले 17 वर्षों से सेवारत सहायक इंजीनियर, इंजीनियर की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी करता रहा। बाद में शिकायत पर डिग्री की जाँच में पता चला की डिग्री और डिप्लोमा दोनों फर्जी हैं। इस मामले में अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार परीक्षा ने 2 अगस्त को IIIT के सहायक रजिस्ट्रार पत्र भेजकर बताया था। सहायक अभियंता (AE) गजराज सिंह की सत्यापन को भेजी गई BE इलेक्ट्रिकल और डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल की डिग्रियां और अंक पत्र फर्जी हैं।
सूत्रों की माने तो AE के पास इंजीनियरिंग की डिग्री और डिप्लोमा तो फर्जी है ही। उसके पास सिविल इंजीनियरिंग में कोई डिग्री ही नहीं है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि AE गजराज सिंह का बतौर संविदा अभियंता 2006 से संस्थान में नियोजित किया गया था ।
2010 में अवर अभियंता इलेक्ट्रिकल का पद रिक्त होने के बाद इस पद पर नियुक्ति मिली। 2018 में उसकी नियुक्ति सहायक अभियंता के पद पर हुई। संस्थान के PRO पंकज मिश्रा ने बताया कि इस प्रकरण के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।