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न्यूज डेस्क 

लखनऊ। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है जबकि देश के चंद पूंजीपति की धनसंपदा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

निर्यात के मुकाबले में आयात का ज्यादा होना डॉलर के सापेक्ष रुपए का मूल्य गिरने के कारण विदेशी निवेशकों द्वारा 2.70 लाख करोड़ रुपया झटके से निकालने व समग्र व्यापार घाटा पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना बढ़ने जैसे कारणों से भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। यही नहीं टेलीकॉम सेक्टर के विकास के नाम पर सरकारी बैंकों का करोडों रुपये का कर्ज देकर कुछ चहेती कंपनियों के व्यापार को रॉकेट की गति प्रदान की जा रही है।

इस मामले पर पूर्व आईपीएस एवं नवगठित अधिकार सेना के संयोजक अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट करके सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार में हमारे देश के लगभग सारे टेंडर, ठेके की रेवड़ियाँ व निजीकरण के लाभ उन्हीं चंद मुट्ठी भर पूंजीपतियों को मिल रहे हैं जिनकी सत्तारूढ़ पार्टी से नजदीकियां जगजाहिर है। आखिर यही चंद लोग बीते कुछ समय में अरबपति से खरबपति कैसे हो गए। और इन्हीं लोगों के धन में अभूतपूर्व वृद्धि क्यों हुई है।

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