नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार की ओर से जारी किए गए एक पत्र में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर धीरेन्द्र पाल सिंह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यान का शिक्षा सलाहकार नामित किया गया है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गाैरतलब रहे कि प्रो. सिंह 2018 से 2021 तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन के पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। धीरेंद्र पाल सिंह लगभग चार दशकों के अपने कॅरियर में भारतीय उच्च शिक्षा में कई अकादमिक संस्थाओं का नेतृत्व किया है। कुलपति के रूप में प्रो.सिंह ने तीन विश्वविद्यालयों बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी, डॉ एचएस गौर विश्वविद्यालय, सागर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा निदेशक के रूप में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद का नेतृत्व किया है।
प्रो.सिंह ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई), भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए भारतीय राष्ट्रीय आयोग, आरयूएसए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कार्यान्वयन समिति आदि के पदेन सदस्य के रूप में योगदान दिया है। इसके अलावा अध्यक्ष के रूप में, यूजीसी के शासी परिषदों के अध्यक्ष के रूप में आठ अंतर-विश्वविद्यालय केंद्रों का मार्गदर्शन भी किया।
प्रो. सिंह को अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों और परियोजनाओं का भी गहरा अनुभव है। पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार, दशक के पर्यावरणविद् (पूर्वांचल) पुरस्कार, भारत ज्योति पुरस्कार, यूपी रत्न पुरस्कार, आगरा विश्वविद्यालय गौरव श्री पुरस्कार, राजा बलवंत सिंह शिक्षा सम्मान, राष्ट्र निर्माता पुरस्कार जैसे कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।