अखिलेश यादव ने विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी को भाजपा की आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों का हिस्सा करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई जैसे बुनियादी सवालों का जवाब देने से बचने के मकसद से जनता विपक्ष भटका रहा है।
अखिलेश यादव ने वर्ष 1998 में बलवा और चक्का जाम के एक मामले में जुलाई में जेल भेजे गए फूलपुर पवई क्षेत्र से सपा विधायक रमाकांत यादव से कारागार में मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि रमाकांत को 20 साल से ज्यादा पुराने मामले में जानबूझकर सरकार के कहने पर जेल भेजा गया है।
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को भाजपा की वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़ते हुए कहा, ”देश में जो दिखाई दे रहा है, पता नहीं भाजपा क्यों 2024 की अभी से तैयारी कर रही है। विपक्ष के लोगों पर झूठे मुकदमे लगाना,भाजपा 2024 की तैयारी कर रहे हैं।’
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘क्योंकि ये बेरोजगारी का जवाब नहीं देना चाहते, महंगाई क्यों लगातार बढ़ती चली जा रही है, उसका जवाब नहीं है इनके पास, इसीलिए जानबूझकर जनता का ध्यान हटाने के लिए और विपक्ष के नेता आवाज ना उठाएं इसीलिए उन्हें चिन्हित कर करके उन्हें झूठे मुकदमे में जेल भेजा जा रहा है।”
मनीष सिसोदिया के खिलाफ हुई कार्रवाई की तरफ इशारा करते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा ”किसी पर भी झूठे मुकदमे में लग सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स कह रहा है कि दिल्ली में शिक्षा बेहतर हुई है लेकिन सरकार स्वीकार नहीं कर पा रही है। देखिये क्या मुकदमा लगा दिया।”
समाजवादी पार्टी अपना सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद और बड़ा फैसला लेकर सरकार के खिलाफ खड़ी दिखाई देगी। आजमगढ़ में रमाकांत यादव हो या रामपुर में आजम खां हों, पर झूठे मुकदमे लगाए गए। केवल इन दो नेताओं नहीं, तमाम नेता हैं जिनके खिलाफ झूठे मुकदमे लगा कर सरकार ने उन्हें जेल भेजा है।