ये मामला कानपुर का गुजैनी थाना क्षेत्र के मर्दनपुर गांव का है। जहाँ पीड़ित 10 अगस्त को अपने पैसे लेने मकान मालिक के यहां गया था, जहां मालिक ने गुजैनी पुलिस को बुलाकर मजदूर को लाठी डंडे व लात घूंसों से इतना बेरहमी से पिटवा दिया कि मजदूर की गर्दन की हड्डी टूट गई।
घटना के बाद पुलिस पूरे मामले ने दबाए रखा और पीड़ित को कहीं शिकायत करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई तो रविवार को थाने के सिपाही को निलंबित कर दिया गया।
बनपुरवा सवायजपुर निवासी विश्वनाथ के बेटे अतुल कुमार पासी (26) ने बताया कि उसने गुजैनी थाना क्षेत्र के मर्दनपुर इलाके में प्रमोद कुमार के घर पर दो माह पूर्व काम किया था। जिसका 3400 रुपये बकाया था। दस अगस्त को अतुल अपने पैसे लेने के लिए गया था उसी वक्त पुलिस के रौब दिखाते हुए प्रमोद ने फोन कर गुजैनी थाने के दरोगा गौरव सोलिया व सिपाही अखिलेश यादव व एक अन्य पुलिसकर्मी को मौके पर बुलाया।
इसके बाद पुलिस कर्मियों ने अतुल को जमकर पीटा, जिससे कि उसकी गर्दन की हड्डी दो जगह से टूट गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ा था। इससे घबराएं पुलिसकर्मियों ने उसे हैलट में भर्ती कराया और परिजनों को सूचना देने के बाद मौके से भाग निकले थे। अतुल को जब होश आया तब उसने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी ।
अतुल के परिजनों का आरोप है कि जब पुलिस से इसकी शिकायत की गई तो कार्रवाई की जगह थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों ने खूब खरीखोटी सुनाई। इसके बाद कहा कि किसी से शिकायत मत करो हम इलाज करा देंगे। इधर डॉक्टरों ने बताया है कि गर्दन की हड्डी जुड़ने के बाद भी अतुल मेहनत वाला काम नहीं कर पाएगा। जिससे आहत होकर परिजनों ने 12 अगस्त को पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से मुलाकात कर शिकायत की।
कमिश्नर ने मामले की जांच कराई और सिपाही अखिलेश यादव को निलंबित कर दिया। वहीं अतुल का उपचार काकादेव स्थित निजी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर गुजैनी थाने में अतुल के भाई सूरज की तहरीर पर प्रमोद व अखिलेश समेत अज्ञात पुलिस कर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।