नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को आरोप लगाया कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के पीछे वास्तविक मंशा दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए करना है। उन्होंने कहा कि बंटवारे की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि बंटवारे के समय लाखों लाख लोग विस्थापित हुए और उनकी जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या अपमानित नहीं किया जाना चाहिए। जयराम ने कहा कि देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।
1. 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे प्रधानमंत्री की वास्तविक मंशा सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है। लाखों लाख लोग विस्थापित हुए और जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 14, 2022
उन्होंने कहा कि सच ये है कि सावरकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने इसे आगे बढ़ाया। पटेल ने लिखा था, ‘मुझे लगता है कि अगर विभाजन स्वीकार नहीं किया गया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा’। क्या प्रधानमंत्री आज जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने शरत चंद्र बोस की इच्छा के खिलाफ बंगाल के विभाजन का समर्थन किया था और स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट में शामिल हुए, जब विभाजन के दर्दनाक परिणाम स्पष्ट रूप से सामने आ रहे थे?