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हर भारतीय को देखनी चाहिए वीरों की शौर्य गाथा कहती यह फिल्में

देश आज स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। हर भारतीय आज देश की आज़ादी का जश्न मना रहा है। अपने लंबे गौरवशाली इतिहास के दौरान भारत की धरती पर कई ऐसे महान लोगों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने कार्य से अपना नाम हमेशा के लिए अमर कर लिया। आज जिस स्वतंत्रता का जश्न हम मना रहे हैं उस स्वतंत्रता को हासिल करने के लिए अनगिनत वीरों ने अपनी जान तक का बलिदान दिया है। भारत माता के ऐसे ही वीर सपूतो पर बनी कुछ फिल्मों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं।

शहीद

देशभक्ति के जुनून से भरे स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह भारत के उन रत्नों में से एक हैं, जिन्हें आज भी देश के प्रति अपने निस्वार्थ प्रेम के लिए जाना जाता है। भगत सिंह के इसी जुनून और देश प्रेम को दिखाने के लिए बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं। इन्हीं फिल्मों में से एक अभिनेता बॉबी देओल स्टारर फिल्म शहीद है। गुड्डू धनाऊ के निर्देशन में बनी यह फिल्म साल 2002 में रिलीज हुई थी। इसके अलावा अभिनेता मनोज कुमार की फिल्म शहीद-ए-आजम भगत सिंह लाल और अजय देवगन की फिल्म भगत सिंह में भी देश के इस स्वतंत्रता सेनानी की कहानी दिखाई गई है।

सुभाष चंद्र बोस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को आजादी दिलाने में एक अहम भूमिका निभाई थी। यही वजह है कि आज भी उनका नाम भारतीय इतिहास में काफी गर्व और सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके बलिदान और निस्वार्थ देशभक्ति को दिखाने के लिए साल 2005 में उनके जीवन पर एक फिल्म बनी थी। साल 2005 में आई फिल्म सुभाष चंद्र बोस में दिखाया गया था कि कैसे नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया था।

मणिकर्णिका

स्वतंत्रता की लड़ाई में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अहम भूमिका निभाई थी। देश के लिए दिए गए उनके बलिदान को कभी भूला नहीं जा सकता। रानी लक्ष्मी बाई के इसी जज्बे और बहादुरी को बड़े पर्दे पर फिल्म के रूप में दिखाया गया है। निर्देशक सोहराब मोदी की फिल्म झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और कंगना रणौत की फिल्म मणिकर्णिका में झांसी की रानी की कहानी दिखाई गई है।

गांधी

देश को अहिंसा का पाठ सिखाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर भी कई फिल्में बन चुकी हैं। साल 1982 में आई एक फिल्म को विदेशियों ने बनाया था, जिसे लोगों ने काफी पसंद भी किया था। खास बात यह थी कि इस फिल्म में मुख्य किरदार से लेकर लेखन और निर्देशन तक विदेशियों ने ही किया था। इतना ही नहीं इस फिल्म को ऑस्कर में 11 श्रेणियों में नामांकन भी किया गया था, जिसमें इसने आठ श्रेणियों में पुरस्कार जीता था। इसके बाद साल 2007 में भी गांधी के जीवन पर एक फिल्म बनाई गई थी, जिसका नाम गांधी माई फादर था।

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